काश वो पल संग बिताए न होते जिनको याद कर के ये आँसू आये ना होते खुदा को अगर इस तरह दूर ले जाना ही था तो इतनी गहराई से दिल मिलाए ना होतेबेबसी तेरी इनायत है कि हम भी आजकल अपने आँसू अपने दामन पर बहाने लग गयेपल फुर्सतों के ज़िंदगी से छाँट लेते हैं, चलो ना थोडी खुशियाँ, थोडे आँसू बाँट लेते हैं…!मुस्कुराती आँखों से अफ़साना लिखा था,शायद आपका मेरी ज़िन्दगी में आना लिखा था तक़दीर तो देखो मेरे आँसू की उसको भी तेरी याद मे बह जाना लिखा था।ख़ूब हँस लो की मेरे हाल पे सब हँसते हैं मेरी आँखों से किसी ने भी न आँसू पोंछे मुझ को हमदर्द निगाहों की ज़रूरत भी नहीं !!तासीर किसी भी दर्द की मीठी नहीँ होती गालिब. वजह यही है कि आँसू भी नमकीन होते है.कितने मासूम होते हैं ये आँसू भी ये गिरते भी उनके लिये हैं जिन्हें इनकी परवाह नहीं होतीजिन्हें सलीका है ग़म समझने का उन्हीं के रोने में आँसू नज़र नहीं आते ख़ुशी की आँख में आँसू की भी जगह रखना बुरे ज़माने कभी पूछकर नहीं आतेबहाए होंगे सितारों ने रात भर आँसू ये सुब्ह इसलिए कुछ शबनमी सी लगती है.मेरी दोस्ती हमेशा याद आएगी कभी चेहरे पे हँसी,कभी आँखो मे आँसू लाएगी भूलना भी चाहोगे तो कैसे भुलोगे मेरी कोई तो बात होगी जो हमेशा याद आएगी